Bihar Land Survey
बिहार लैंड सर्वे क्या है, और किन जमीनों को लेकर सरकार,जानिए पूरी जानकारी
Bihar Land Survey: बिहार लैंड सर्वे एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य राज्य में भूमि का सर्वेक्षण और पंजीकरण करना है। इस योजना के माध्यम से भूमि के स्वामित्व, सीमा, और उपयोग से संबंधित जानकारी को डिजिटल रूप में दर्ज किया जाता है। बिहार सरकार ने यह योजना इसलिए शुरू की है ताकि भूमि विवादों को कम किया जा सके और भूमि संबंधी जानकारी को पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके। यह सर्वेक्षण 20 अगस्त 2024 से राज्य के 45,000 से अधिक गांवों में शुरू किया जाएगा। भूमि सर्वेक्षण के दौरान जमीन और मकानों का विस्तृत ब्योरा लिया जाएगा।
इस प्रक्रिया में कम से कम एक साल का समय लगेगा। इसमे लोगों को अपनी जमीन और मकानों के संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यह जानकारी बिहार में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। या किसी भी राज्य या विदेशों में रहते हैं उनके लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
यदि आदमी किसी भी कारण से अपनी जमीन और मकान के कागज नहीं दिखाते हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में आदमी को अपनी जमीन और मकान से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखने होगे,बिहार राज्य में भूमि का सर्वे 20 अगस्त 2024 से शुरू हो रहा है। जमीन के आवश्यक दस्तावेजों के रूप में आपको जमीन और मकान की रजिस्ट्री के ओरिजिनल दस्तावेज दिखाने होंगे। बिहार लैंड सर्वे की अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ ले।
Bihar Land Survey अवैध कब्जा जमीन वापस लेगी सरकार
Bihar Land Survey: बिहार राज्य में भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत के साथ ही नागरिकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। इनमें मुख्य सवाल यह है कि क्या बिहार भूमि सर्वे के दौरान अवैध कब्जा की गई जमीनें सरकार वापस लेगी, राजस्व सचिव के अनुसार, भूमि सर्वेक्षण के दौरान उन जमीनों की पहचान की जाएगी। जिन पर अवैध कब्जा किया गया है और जिनकी रजिस्ट्री के कागजात नागरिकों के पास नहीं हैं। ऐसी जमीनें सरकार द्वारा वापस ली जाएंगी।
सरकार का उद्देश्य अवैध कब्जों को खत्म कर सर्वेक्षण के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड्स को अद्यतित करना है। इसमें कोई गलत बात नहीं है क्योंकि यह कदम भूमि विवादों को कम करने और कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक है। राज्य के नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सभी भूमि और मकान संबंधी दस्तावेज संभालकर रखें ताकि सर्वेक्षण टीमों को दिखाकर मालिकाना हक का प्रमाण प्रस्तुत कर सकें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वैध मालिकों के अधिकार सुरक्षित रहें और कोई अवांछित विवाद न हो।
क्या बिहार भूमि सर्वे में अवैध कब्जा जमीन को बचाने का कोई उपाय है?
Bihar Land Survey: बिहार भूमि सर्वे के दौरान अवैध कब्जे की गई जमीन को बचाने का कोई कानूनी उपाय नहीं है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य अवैध कब्जों को खत्म करना और भूमि रिकॉर्ड्स को सही और अद्यतित बनाना है। Bihar Land Survey 2024 के दौरान जिन नागरिकों के पास जमीन या मकान के कागजात नहीं होंगे, उन्हें अपनी जमीन बचाने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे। राज्य सरकार का उद्देश्य जल्दबाजी में जमीन सर्वेक्षण कर किसी का हक छीनना नहीं है, इसलिए नागरिकों को अपना हक प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाएंगे।
भूमि सर्वेक्षण के दौरान यदि सर्वे टीम को दस्तावेज नहीं दिखाए जा सके, तो नागरिकों को तीन बार अपना हक साबित करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए नागरिकों को अपील करनी होगी। यदि आपको लगता है कि भूमि सर्वेक्षण टीमों द्वारा किसी प्रकार की गलती हुई है, तो आप सिविल कोर्ट या हाई कोर्ट में जाकर न्याय की मांग कर सकते हैं। इस प्रकार, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि नागरिकों को पूरा अवसर मिले और उनका हक सुरक्षित रहे। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सभी दस्तावेज तैयार रखें और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रस्तुत करें ताकि किसी प्रकार की समस्या न हो।
बिहार से बाहर रहने नागरिकों को क्या करना होगा?
Bihar Land Survey: बिहार से बाहर रहने वाले नागरिकों को भी भूमि सर्वेक्षण के दौरान अपना मालिकाना हक साबित करने के लिए सर्वे टीमों को आवश्यक जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
मालिकाना हक का प्रमाण: नागरिकों को यह बताना होगा कि उन्हें जमीन कैसे और कब मिली। इसके अलावा, संबंधित जमीन के सभी दस्तावेज, जैसे रजिस्ट्री कागजात, पट्टा, भूमि कर की रसीदें आदि, सर्वे टीम को दिखाने होंगे।
ऑनलाइन दस्तावेज प्रस्तुत करना: यदि आप अमेरिका, कनाडा या किसी अन्य देश या राज्य में निवास कर रहे हैं, तो आप ऑनलाइन दस्तावेज जमा कर सकते हैं। इसके लिए आपको व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन दस्तावेज असली होने चाहिए।
ऑनलाइन प्रक्रिया: भारत के किसी भी राज्य या विदेश में रहते हुए, आप घर बैठे कुछ ही स्टेप्स का पालन करके Bihar Land Online Registry Document प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करना होगा।
ड्राफ्ट प्रकाशन की जांच: बिहार लैंड सर्वे टीम द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को नागरिक 6 महीने के बाद चेक कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को Land Survey Draft Publications कहा जाता है। यदि आपको लगता है कि ड्राफ्ट प्रकाशन में आपकी जमीन किसी और के नाम पर दिखाई जा रही है, तो आप इसके लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायत की सुनवाई: जब आपकी शिकायत पर सुनवाई होती है और आप स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते, तो आप अपने परिवार के किसी सदस्य को अपना पक्ष रखने के लिए भेज सकते हैं।
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Frequently Asked Questions
Q. बिहार में जमीन का सर्वे कब से शुरू होगा?
Ans. बिहार में जमीन का सर्वे 20 अगस्त 2024को शुरू हुई।
Q.जमीन का सर्वे कैसे करवाएं?
Ans.जमीन के सर्वे करने के लिए आपके पास रजिस्ट्री का पेपर, पटा, भूमि कर की रसीद, नक्शा, आधार कार्ड या पैन कार्ड होनी चाहिए। फिर उसके बाद आपको बिहार सरकार के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाएं। वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करें और लॉगिन करें। फिर अपनी जमीन के सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करें। आवश्यक फॉर्म भरें और सबमिट करें। इतना करने के बाद सर्वे टीम आपकी जमीन का निरीक्षण करेगी और आवश्यक माप-तौल करेगी। सर्वे टीम द्वारा तैयार किया गया नक्शा आपको दिखाया जाएगा। सर्वे प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको अपनी जमीन का प्रमाणित नक्शा और अन्य संबंधित दस्तावेज मिलेंगे।
Q.जमीन का खतियान कब हुई ?
Ans. भारत में जमीन के खतियान की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुई।