Vishwakarma Puja 2024 in hindi
विश्वकर्मा पूजा कैसे और क्यों मनाए जाते हैं, आईए जानते हैं पूरी जानकारी
Vishwakarma Puja 2024 in hindi: विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। भारतीय पंचांग के अनुसार, यह पूजा हर साल भाद्रपद महीने के अंतिम दिन मनाई जाती है, इस दिन भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें देवताओं के शिल्पकार और वास्तुकार माना जाता है, उनका जन्मदिन हुआ था। उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए विशेष रूप से उद्योग, निर्माण, और कारीगरी से जुड़े लोग इस दिन पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार, सूर्य 16 सितंबर को शाम 7:52 बजे सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेगा, जिसे कन्या संक्रांति कहा जाता है। इसलिए, कई स्थानों पर पूजा 16 सितंबर को होगी, जबकि अन्य जगहों पर 17 सितंबर को भी इसे मनाया जाएगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, शुभ मुहूर्त 16 सितंबर को शाम 4:22 बजे से 6:25 बजे तक रहेगा।
Vishwakarma Puja 2024-विश्वकर्मा पूजा का महत्व
Vishwakarma Puja 2024 in hindi: विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक गहरा है। इसे भगवान विश्वकर्मा की आराधना के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें सृष्टि के प्रथम वास्तुकार और निर्माण के देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने इंद्रपुरी, द्वारका, पुष्पक विमान और यमलोक जैसे महान और अद्वितीय निर्माण किए थे, जो उनकी अद्वितीय शिल्पकला और तकनीकी कौशल का प्रतीक हैं।
यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो तकनीकी, शिल्पकारी, और निर्माण से जुड़े कार्यों में लगे होते हैं, जैसे इंजीनियर, कारीगर, बुनकर, और विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले लोग अपने औजारों, मशीनों, और यांत्रिक उपकरणों की पूजा करते हैं, ताकि वे कार्य में सफलता और प्रगति प्राप्त कर सकें। पूजा के माध्यम से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त करने की परंपरा है, जिससे यंत्रों और औजारों का सही ढंग से उपयोग हो और कार्य कुशलता बढ़े। इस पूजा का सांस्कृतिक पहलू यह है कि यह तकनीकी और निर्माण क्षेत्र में लगे लोगों के कार्य और जीवन में एक नई ऊर्जा और विश्वास को प्रोत्साहित करती है। श्रद्धा और भक्ति से किए गए इस अनुष्ठान से कार्यों में निपुणता, समृद्धि, और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
Vishwakarma Puja 2024-विश्वकर्मा जयंती का इतिहास
Vishwakarma Puja 2024 in hindi: विश्वकर्मा जयंती का इतिहास प्राचीन भारतीय ग्रंथों में देखा जा सकता है, जिसमें सबसे प्राचीन उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है, जो हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पवित्र ग्रंथों में से एक है। भगवान विश्वकर्मा को शिल्पकारों और कारीगरों के संरक्षक देवता के रूप में सम्मानित किया जाता है, और इस त्योहार का विकास समय के साथ हुआ, जिससे यह श्रमिकों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया।
वर्तमान में विश्वकर्मा जयंती न केवल भगवान विश्वकर्मा के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में कारीगरों, इंजीनियरों और श्रमिकों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को भी रेखांकित करती है। यह त्योहार कुशल श्रम, तकनीकी कौशल, और समाज के विकास में उनके योगदान को उजागर करता है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं और उनके कार्यों की सराहना की जाती है।
Vishwakarma Puja 2024-विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त
Important Point: इस साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा के लिए सीमित समय उपलब्ध रहेगा, क्योंकि भद्रा काल दोपहर में पड़ेगा, जिसके दौरान पूजा करना शुभ नहीं माना जाता। 17 सितंबर को सुबह 06:07 बजे से लेकर 11:43 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस प्रकार, इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए कुल 5 घंटे 36 मिनट का समय शुभ माना गया है, जिसमें भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा की जा सकती है।
Vishwakarma Puja 2024–विश्वकर्मा पूजा पर क्या करें और क्या नहीं?
Vishwakarma Puja 2024 in hindi: विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों, तिजोरी, और कारखानों में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों का सम्मानपूर्वक पूजन किया जाता है, और इनका अपमान करने से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इस दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन का सेवन न करने का भी निर्देश है, क्योंकि ऐसा करने से भगवान विश्वकर्मा की नाराजगी हो सकती है, जिससे कार्यक्षेत्र और कारोबार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या धन का दान करना शुभ माना जाता है, जिससे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, पूजा स्थल की साफ-सफाई और गंगाजल का छिड़काव कर पूजा की जाती है। भगवान विष्णु और विश्वकर्मा की स्तुति और मंत्र जाप भी इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। आध्यात्मिक विद्वानों के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दिन खासतौर पर उपकरणों और मशीनों की पूजा की जाती है, इसलिए उनका उपयोग या उनके साथ अनादर करना भगवान विश्वकर्मा के प्रति अपमान माना जा सकता है, जिससे वे नाराज हो सकते हैं।
Vishwakarma Puja 2024-विश्वकर्मा पूजा की पूजा सामग्री
Vishwakarma Puja 2024 in hindi: विश्वकर्मा पूजा मनाने के लिए नीचे दिए गए सभी सामग्री का उपयोग होता है। जो आपको पूजा के समय इन सभी सामग्री की जरूरत पड़ती है।
- पुष्प और माला
- अगरबत्ती, धूप, दीपक
- फल, मिठाई और प्रसाद
- नारियल, सुपारी, पान के पत्ते
- हल्दी, कुमकुम, अक्षत
- पूजा के लिए औजार या मशीन और स्वच्छ स्थान
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Frequently Asked Questions
Q. भारत में विश्वकर्मा पूजा कहां मनाई जाती है?
Ans. भारत में विश्वकर्मा पूजा सभी राज्यों में मनाया जाता है। जैसे में बिहार, झारखंड उत्तरप्रदेश पश्चिम बंगाल उड़ीसा कर्नाटक और पंजाब जैसे राज्यों में बड़े धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है।
Q. विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या न करें?
Ans. विश्वकर्मा पूजा के दिन मशीन, वाहन और औजारों का प्रयोग न करें।
Q. विश्वकर्मा पूजा का इतिहास क्या है?
Ans. विश्वकर्मा जयंती का इतिहास प्राचीन भारतीय ग्रंथों में देखा जा सकता है, जिसमें सबसे प्राचीन उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है, जो हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पवित्र ग्रंथों में से एक है। भगवान विश्वकर्मा को शिल्पकारों और कारीगरों के संरक्षक देवता के रूप में सम्मानित किया जाता है, और इस त्योहार का विकास समय के साथ हुआ, जिससे यह श्रमिकों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया।
वर्तमान में विश्वकर्मा जयंती न केवल भगवान विश्वकर्मा के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में कारीगरों, इंजीनियरों और श्रमिकों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को भी रेखांकित करती है। यह त्योहार कुशल श्रम, तकनीकी कौशल, और समाज के विकास में उनके योगदान को उजागर करता है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं और उनके कार्यों की सराहना की जाती है।
Q. हम विश्वकर्मा पूजा क्यों मना रहे हैं?
Ans. हम विश्वकर्मा पूजा भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में उनके द्वारा सृजित शिल्प, वास्तुकला, और तकनीकी कौशल के प्रतीक के रूप में मनाते हैं।
Q. विश्वकर्मा जी की पूजा कैसे की जाती है?
Q. विश्वकर्मा पूजा के पीछे क्या कहानी है?
Q. 17 सितंबर को विश्वकर्मा दिवस क्यों मनाया जाता है?
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